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BIG BREAKING: डी गुकेश बने चेस के नए वर्ल्ड चैम्पियन, PM मोदी ने दी बधाई
Shantanu Roy
12 Dec 2024 1:57 PM GMT
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बड़ी खबर
New Delhi. नई दिल्ली। भारत के डी गुकेश ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है. वो चेस के नए और सबसे युवा वर्ल्ड चैम्पियन बन गए हैं. उन्होंने चीन की बादशाहत खत्म कर दी है. डोम्माराजू गुकेश ने एक रिकॉर्ड के मामले में पूर्व भारतीय चेस मास्टर विश्वनाथन आनंद की भी बराबरी कर ली है।
ऐतिहासिक और अनुकरणीय! गुकेश डी को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई। यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट दृढ़ संकल्प का परिणाम है। उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज किया है, बल्कि लाखों युवा दिमागों को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।
Historic and exemplary! Congratulations to Gukesh D on his remarkable accomplishment. This is the result of his unparalleled talent, hard work and unwavering determination. His triumph has not only etched his name in the annals of chess history but has also inspired millions… https://t.co/fOqqPZLQlr pic.twitter.com/Xa1kPaiHdg
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2024
दरअसल, वर्ल्ड चेस चैम्पियन 2024 का फाइनल मुकाबला गुरुवार को सिंगापुर में खेला गया. इस अहम मुकाबले में डी गुकेश की टक्कर डिफेंडिंग चैम्पियन और चीन के चेस मास्टर डिंग लिरेन (Ding Liren) से थी. खिताबी मुकाबले में डी गुकेश ने 14वीं बाजी में डिंग लिरेन को करारी शिकस्त दी और खिताब पर कब्जा जमाया. डिंग लिरेन के खिलाफ डी गुकेश काले मोहरों के साथ मुकाबला खेले थे. पूरे मैच में भारतीय युवा ने अपना जोरदार खेल दिखाया और हर बाजी में चीनी प्लेयर पर भारी पड़े. आखिर में डी गुकेश ने चीन की बादशाहत खत्म की और वो नए वर्ल्ड चेस चैम्पियन बने।
इस धांसू जीत के साथ ही 18 साल के डी गुकेश अब शतरंज की दुनिया के सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चैम्पियन बन गए हैं। साथ ही वो एक रिकॉर्ड के मामले में विश्वनाथन आनंद के क्लब में भी शामिल हो गए हैं. दरअसल, गुकेश वर्ल्ड चेस चैम्पियन बनने वाले भारत के दूसरे प्लेयर बन गए हैं. जबकि विश्वनाथन पहले भारतीय हैं. 5 बार के वर्ल्ड चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने अपना आखिरी खिताब 2013 में जीता था. दरअसल, इस खिताबी मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन पर डी गुकेश किस कदर भारी पड़े इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि एक समय यह मुकाबला टाईब्रेक की ओर जा रहा था. मगर उस मुश्किल स्थिति में भी गुकेश ने कॉन्फिडेंस दिखाया और अपनी कोशिशें जारी रखीं।
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